ऐसे अपनी जिन्दगी को कैसे भूल जाये हम,
उसके लिए ही हमने सबको भुला दिया।

ऐसे अपनी जिन्दगी को कैसे भूल जाये हम,
उसके लिए ही हमने सबको भुला दिया।
वो न जाने कौन सी दुनिया में खोये बैठे है
लगता है उनको दर्द किसी अपने ने ही दिया है।
इसलिए भी ये बात मुझे अच्छी लगी उसकी साहिब
माना दिल तोड़ा है उन्होंने, मगर टूट खुद भी गए है वो।
मैं, मेरी तन्हाई, मेरे ये गम और मेरी ये हालत
बहुत कुछ बदल गया मेरी ज़िन्दगी में, एक तेरे जाने के बाद।
Jo pukara hai tune dil se wo surat to bata
Mere mehboob muze apni jaroorat to bata…
चल आज तू मुझे अपना रहनुमा बना दे,
इसी बहाने मेरी ज़िन्दगी भी खुशनुमा बना दे।
कुछ न कुछ तो कमी तुझ में भी रही होगी देव
यूँ ही नहीं कोई किसी को अकेला छोड़ देता है दुनिया में।